EPS95 latest update | पेंशनरों का 10 साल का संघर्ष | दिल्ली के जंतर मंतर पर होगा आर पार का संघर्ष



 गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों की सरकार से मार्मिक अपील


देशभर के असहाय, वृद्ध और गरीब लोगों द्वारा बीते 10 वर्षों से एक शांत, सुसंगठित और अपार संघर्षपूर्ण आंदोलन चलाया जा रहा है, जिसमें सरकार से पेंशन ₹7500 मासिक और महंगाई भत्ते की मांग की जा रही है।


यह आंदोलन 16 जून 2015 को पहला मोर्चा निकालकर शुरू हुआ और 17 जून 2017 को नेशनल एगिटेशन कमेटी (NAC) की स्थापना के साथ संगठित रूप से आगे बढ़ा। यह आंदोलन आज पूरे देश में फैल चुका है और हर जिले, तालुका और कई गांवों तक पहुंचा है।



---


बिना साधन, बिना शक्ति, सिर्फ जज्बे के साथ लड़ाई


इस लड़ाई को लड़ने वाले वे लोग हैं जिनके पास न पैसा है, न शक्ति, न स्वास्थ्य और न उम्र — फिर भी उन्होंने देश की एक मजबूत और क्रूर व्यवस्था के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी है।


यह आंदोलन उन वृद्धजनों का है जो आज भी सड़कों पर आकर अपने हक के लिए लड़ रहे हैं।



---


अब तक सरकार से मिले सिर्फ आश्वासन, परिणाम नहीं


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से दो बार मुलाकात हुई है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से तीन बार बातचीत हुई।


अब तक चार श्रम मंत्रियों से NAC की चर्चाएं हो चुकी हैं।


कैबिनेट सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी, एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी और लेबर सेक्रेटरी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष डाटा और पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिए गए हैं।



हर स्तर पर यह माना गया है कि समस्या बड़ी है और इसका समाधान आवश्यक है, लेकिन आज तक कोई ठोस निर्णय नहीं आया है।



---


संसदीय समितियों और सांसदों का भी समर्थन मिला


संसदीय स्थायी समिति (Standing Committee on Labour) ने भी यह सिफारिश की है कि सरकार को इसमें योगदान देना चाहिए।


करीब 100 सांसदों ने, सभी पार्टियों से, संसद में यह मुद्दा उठाया है।




---


देशव्यापी आंदोलन की झलक


रामलीला मैदान में तीन बड़े आंदोलन हुए हैं।


जंतर मंतर पर अब तक 8 प्रदर्शन हो चुके हैं।


27 राज्यों में यह आंदोलन फैल चुका है।


NAC का हेडक्वार्टर बुलढाणा (महाराष्ट्र) में है, जहां लगातार 6.5 साल से अनशन चल रहा है — जिसमें 70, 75 और 80 साल तक के बुजुर्ग बैठे हैं।




---


सरकार से भावनात्मक अपील: अब देर मत कीजिए


NAC की ओर से स्पष्ट कहा गया है:


> “रोज लगभग 200 वृद्धजन मरते हैं। इतने संघर्ष के बाद भी अगर सरकार निर्णय नहीं लेती तो यह लोकतंत्र से विश्वास उठने जैसा होगा। हमारी यह लड़ाई दो बूढ़ों के जीने की लड़ाई है।”





---


हमारी मांग स्पष्ट है: ₹7500 मासिक पेंशन + महंगाई भत्ता


> “सरकार जो भी देगी हम लेंगे, लेकिन लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक हमें ₹7500 और महंगाई भत्ता नहीं मिल जाता। हमें वोट नहीं चाहिए, हमें अपना हक चाहिए।”





---


4-5 अगस्त को फिर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन


4 और 5 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर फिर हजारों वृद्धजन इकट्ठा होंगे। NAC ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन गैर-राजनीतिक है और सिर्फ अंत्योदय — सबसे अंतिम व्यक्ति के अधिकार — के लिए है।


> “अगर सरकार अब भी संवेदनशील नहीं बनी, तो देश का अंतिम आदमी किससे गुहार लगाए?”

Post a Comment

Previous Post Next Post